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29 August 2021

खुशियाँ उनको मिलती हैं....

इस कलियुग में किस्मत के
सब खेल निराले होते हैं 
खुशियाँ उनको मिलती हैं 
जो दिल के काले होते हैं। 

जिनके मन की गहरी नफरत 
जब-तब रंग दिखाती है 
बदज़ुबानी बाहर आकर 
अपना असल दिखाती है। 

बेईमानी और कपट ही जिनकी 
हर रात के उजाले होते हैं 
खुशियाँ उनको मिलती हैं 
जो दिल के काले होते हैं। 

जिनके उसूल टंगे दीवारों पर 
श्रद्धा-सुमन को तरसते रहते 
शीशे के गलियारों में 
सज कर समय संजोते रहते । 

चार दिन की चाँदनी में जो 
खूब मतवाले होते हैं 
खुशियाँ उनको मिलती हैं 
जो दिल के काले होते हैं। 

-यशवन्त माथुर©
02082021

5 comments:

  1. चाहे कोई इसे स्वीकार करे चाहे न करे, है तो यह सच यशवंत जी। दिल के उजले लोगों के मुक़द्दर में तो ग़म और तक़लीफ़ों की ही भरमार होती है।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(३०-०८-२०२१) को
    'जन्मे कन्हैया'(चर्चा अंक- ४१७२)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. वाह! क्या बात है । बहुत ही बढ़िया कहा । हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  4. बहुत खूब खरी खरी बात ,आज सचमुच ऐसा ही देखने-सुनने को मिल रहा है।
    सटीक तंज।

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  5. पर उनकी खुशियाँ ज्यादा देर टिक नहीं पातीं ...

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