प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

20 October 2025

आओ आज एक दीप जलाएं

कुछ ऐसा करें 
कि मुरझाए चेहरे मुस्कुराएं
आओ आज एक दीप जलाएं।

एक दीप
जो समरसता का हो 
सबकी साझी सभ्यता का हो।

जगमगाएं जिससे 
दसों दिशाएं
आओ आज एक दीप जलाएं।

एक दीप 
जो भरे उजास
हर गरीब की देहरी पर।

और जिसकी लौ से
अमृत बने
मिट्टी के कच्चे चूल्हे पर।

जिसकी तपिश
तमस मिटाकर 
सबके सारे भरम हटाए

आओ आज एक दीप जलाएं।

यशवन्त माथुर

No comments:

Post a Comment

+Get Now!