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26 November 2012

श्रद्धांजलि........(26 नवंबर विशेष)

श्रद्धांजलि
उन अनजानों को
जिनकी आँखों में
कभी बसा करते थे
कुछ ख्वाब 
सुनहरे कल के

श्रद्धांजलि
उन जाने पहचानो को
जो दर्ज़ हैं
सरकारी सफ़ेद पन्नों पर
शहीदी की अमिट स्याही से

आज
न वो अनजाने हैं
न जाने पहचाने हैं
न वो रौब है
न ख्वाब है

ज़मीं पर रह गए
अपनों के जेहन में
पल पल की घुटन है
यादें हैं
दर्द है
रह रह कर बहता
आंसुओं का सैलाब है

स्मृति चिह्नों पर
स्मारकों पर
बड़े बड़ों के 
चिंतन -मनन
स्मरण और संस्मरण
के दिन
मेरा कुछ कहना
कुछ लिखना
व्यर्थ है
क्योंकि
सांत्वना
और हरा करती है
दिल पर लगी चोट को। 

©यशवन्त माथुर©

15 comments:

  1. अनुपम श्रद्धांजलि
    ...

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  2. बिल्कुल सच कहा आपने

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  3. श्रद्धांजलि

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  4. संवेदनशील रचना...
    शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि ....

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  5. नमन उन शहीदों को जिनहोने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये ... सुंदर भाव

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  6. बहुत बहुत धन्यवाद आंटी!

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  7. आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!

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  8. आपका आभारी हूँ आंटी !

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  9. बहुत ही भावभीनी श्रधांजलि दी है यशवंत...वाकई ....

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  10. धन्यवाद आंटी

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  11. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।

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  12. बहुत बहुत धन्यवाद अंकल !

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  13. खाने को दाने नहीं, अम्मा रही भुनाय ।

    दानवता माने नहीं, दुनिया को सुलगाय ।

    दुनिया को सुलगाय, करे विध्वंसक धंधे ।

    करते इस्तेमाल, दुष्ट धर्मान्धी कंधे ।

    भेजें चटा अफीम, साधु की शान्ति मिटाने ।

    भारत है तैयार, नहीं घुस मुंह की खाने ।



    सादर हे हुत-आत्मा, श्रद्धांजलि के फूल ।

    भारत अर्पित कर रहा, करिए इन्हें क़ुबूल ।

    करिए इन्हें क़ुबूल, भूल तुमको नहिं पायें ।

    किया निछावर जान, ढाल खुद ही बन जाएँ ।

    मरते मरते मार, दिए आतंकी चुनकर ।

    ऐसे पुलिस जवान, नमन करते हम सादर ।।

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  14. आपका जवाब नहीं अंकल !

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