प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

27 April 2015

यूं ही जीता चलता हूँ

यहीं कहीं
कभी कभी
मन के
एक कोने मे
छुप कर
जी भर
बातें करता हूँ
खुद से ही
अनकही को
कहता हूँ
अंधेरों से भरे
सुनसान रस्तों पर
डरता हूँ
मगर चलता हूँ
हताशा-निराशा के पलों में
झुरमुटों की ओट से
किसी रोशनी की
तमन्ना
और उम्मीद लिये
अपने मन की
सुनता चलता हूँ
यूं ही जीता चलता हूँ। 

~यशवन्त यश©

No comments:

Post a Comment

+Get Now!