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26 January 2022

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ....

मेरी आन-बान-शान तिरंगा 
मेरा स्वाभिमान है 
जो कुछ करूँ या सोचूँ 
इस पर हर कतरा कुर्बान है। 

कितने ही गीत लिखे जा चुके 
कितने ही लिखने बाकी हैं 
दुश्मन की छाती पे चढ़ने को 
सिर्फ जयकारे ही काफी हैं। 

कहीं रेत के टीले ऊँचे 
कहीं बर्फीले तूफान हैं 
सीमा की हर बंदिश पर 
जय-जय वीर जवान हैं। 

गणतंत्र के प्रेरक अपने 
तीन रंग, चक्र निशान हैं 
इनके लहराने से मिलती 
हमें अतुल्य पहचान है। 

-यशवन्त माथुर©
25012022 

7 comments:

  1. सहज,सरल,बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।

    सादर।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२७-०१ -२०२२ ) को
    'गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ....'(चर्चा-अंक-४३२३)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. कहीं रेत के टीले ऊँचे
    कहीं बर्फीले तूफान हैं
    सीमा की हर बंदिश पर
    जय-जय वीर जवान हैं।
    खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  4. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
    झंडा ऊंचा रहे हमारा !

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  5. गणतंत्र के प्रेरक अपने
    तीन रंग, चक्र निशान हैं
    इनके लहराने से मिलती
    हमें अतुल्य पहचान है।
    राष्ट्रप्रेम के भाव लिए अनुपम सृजन ।
    जय हिन्द !! जय भारत !!

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  6. गणतंत्र के प्रेरक अपने
    तीन रंग, चक्र निशान हैं
    इनके लहराने से मिलती
    हमें अतुल्य पहचान है।
    गणतंत्र दिवस पर देश के वीर सपूतों के सम्मान में रचित सुंदर भावपूर्ण रचना ।गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं यशवंत जी ।

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  7. देशभक्ति से ओतप्रोत सुंदर रचना

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