हाँ
यह सुनिश्चित है
कि अंततः
अगर कुछ बचा
तो वह अवशेष ही होगा
अधूरी
या पूरी हो चुकी
बातों का
उनसे जुड़े
दिनों का
या रातों का।
हाँ
अनिश्चित जीवन के
किसी एक कालखंड में
सबको रह ही जाना है
अपूर्ण
बन ही जाना है
अवशेष
क्योंकि अवशेष ही
होते हैं साक्ष्य
एक रची-बसी सभ्यता
और
जीवन के अस्तित्व के।
21062025
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