![]() |
| (फोटो:गूगल से साभार ) |
ज़िन्दगी
कुछ लोगों के लिए
हसीं किताब होती है
और कुछ लोग
पलटते रहते हैं
काले स्याह पन्नों को
क्योंकि
सच की कालिख
कभी मिटती नहीं है.
![]() |
| (फोटो:गूगल से साभार ) |
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
यशवंत भाई, जिंदगी को करीब से देखा है आपने, तभी इतनी सटीक बात कही।
ReplyDelete---------
इंटेलीजेन्ट ब्लॉगिंग अपनाऍं, बिना वजह न चिढ़ाऍं।
सच तो सदा ही सचेत करता रहता है...
ReplyDeleteउसे कौन बिसार सका है!
सच की कालिख कभी मिटती नहीं है...
ReplyDeleteवाह, बहुत खूब।
सच की कालिख
ReplyDeleteकभी मिटती नहीं है.
बहुत सुंदर...बहुत अर्थपूर्ण.....
ज़िन्दगी
ReplyDeleteकुछ लोगों के लिए
हसीं किताब होती है
और कुछ लोग
पलटते रहते हैं
काले स्याह पन्नों को
क्योंकि
सच की कालिख
कभी मिटती नहीं है.
Very nice.
.
'सच की कालिख
ReplyDeleteकभी मिटती नहीं है'
सत्य वचन ,
बहुत खूब !
क्योंकि
ReplyDeleteसच की कालिख
कभी मिटती नहीं है'
...........सत्य वचन
बेहद ख़ूबसूरत और उम्दा
अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसच की कालिख
ReplyDeleteकभी मिटती नहीं है.
...kam hi shabdon me kamal ki baat kah di aapne.
सुन्दर रचना!
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा चर्चा मंच पर भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/11/335.html
आदरणीय जाकिर जी,अनु जी,महेंद्र जी,मोनिका जी,दिव्या जी,अल्पना जी,संजय जी,संगीता जी,अरविन्द जी एवं शास्त्री जी--बहुत बहुत धन्यवाद आप के उत्साहवर्धन के लिए.
ReplyDeleteशास्स्त्री जी-चर्चा मंच मेरी इन पंक्तियों को स्थान देने के लिए आप का विशेष आभार.
बेहद सशक्त भाव लिए हुए. सही कहा आपने सच कि कालिख मिटती नहीं.
ReplyDelete