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01 February 2021

नजरिया



एक ही बात का 
एक नजरिया 
बिल्कुल सीधा 
वास्तविक सा 
बिना लाग-लपेट 
जैसा है 
वैसा ही 
दिखने वाला 
मन की कहने वाला 
बिल्कुल सपाट 
और स्पष्ट 
सबसे बेपरवाह 
मौसम का 
हर रूप देखने वाला 
शीत और तपन 
सहने वाला। 



और 
एक नजरिया यह भी 
एक ही तस्वीर को घुमा कर 
अपने मन से 
अपनी कल्पना को 
नये आधार पर 
नये शब्दों से 
नये साँचों में ढालने वाला 
अलग ही दृष्टि से 
कुछ देखने 
और कुछ दिखाने वाला 
अर्थों को सविस्तार 
बताने वाला। 



लेकिन 
फिर भी 
पृष्ठभूमि और किसी कोण में 
कुछ ऐसा होता है 
जो तस्वीर से कट चुका होता है 
निःशब्द 
हो चुका होता है 
और तब  
उसका अस्तित्व 
उसके मूल में रह कर 
अनर्थ की कई परिभाषाएँ 
बहती धारा में 
बहा कर 
अपने कितने ही रूप 
बदल चुका होता है...
नजरिया 
ऐसा ही होता है। 

-(चित्र और शब्द) 
यशवन्त माथुर ©
01022021

30 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (1-2-21) को "शाखाओं पर लदे सुमन हैं" (चर्चा अंक 3965) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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  2. नजरिया तस्वीर बदल देता है..
    बात की ताकीद बदल देता है..
    बहुत कुछ है निर्भर नजरिए पर..
    ये है वो जो तकदीर बदल देता है..

    ReplyDelete
  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (2-2-21) को "शाखाओं पर लदे सुमन हैं" (चर्चा अंक 3965) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा


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  4. सुन्दर सारगर्भित सृजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं यशवन्त जी..

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी।

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  5. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर!

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  6. बहुत बारीक बात कही है यशवंत जी आपने । सरलता से समझ में आने वाली नहीं है । मगर है बिलकुल सच ।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर!

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  7. बेमिसाल अभिव्यक्ति ....
    अभिनंदन आपका !!!!!

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया वर्षा जी !

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  8. बहुत सुंदर रचना

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया अनुराधा जी !

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  9. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर!

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  10. नज़र के नजरिया को बहुत ही बारीकी से कसीधे सा उकेरा है आपने...बहुत ही सुंदर सराहनीय अभिव्यक्ति।
    सादर

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  11. नजरिया यदि सीधा सादा हो, जैसा है वैसा दिखाने वाला, तो जिंदगी में सहजता बनी रहती है, तोड़मरोड़ कर पेश किया गया नजरिया खुद के ही खिलाफ जा सकता है.
    गहरा विश्लेषण

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  12. बहुत ही सुंदर।

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  13. बहुत सुन्दर

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  14. बिल्कुल सही कहा है । बस जरा सा भी नजरिया बदल दिया जाए तो जादूई चमत्कार भी हो सकता है ।

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    Replies
    1. सादर धन्यवाद अमृता जी।

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