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28 July 2012

सोच रहा हूँ

अभी अभी फेसबुक पर यह चित्र देखा ;इसे देख कर जो मेरे मन ने कहा ,वह प्रस्तुत है- 

साभार : फेसबुक 

















मन की कलम में
बादलों की स्याही भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर 

कुछ ऐसा
जो उड़ कर मिट न पाए
कुछ ऐसा जो
हर पल नज़र आए
कुछ ऐसा कि
जिसे पढ़ कर
कोई हँसे तो
कोई रोए
जी भर कर

सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर 

©यशवन्त माथुर©

30 comments:

  1. बहुत सुन्दर..

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  2. too gud yeshwant bhai ... mai bhi kuch aisa hi soch raha hu abhi

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  3. मन की कलम में
    बादलों की स्याही भर कर
    सोच रहा हूँ
    कुछ लिख दूँ
    आसमां के पन्ने पर

    उम्दा भाव ... बहुत सुन्दर ..

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  4. लिखो यशवंत...........
    इन्द्रधनुष ज़रूर उगेगा....
    सस्नेह

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  5. बहुत सुन्दर रचना.. बधाई.

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  6. बहुत सुन्दर सोच है..... बधाई!

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  7. विस्तृत नभ सा विस्तार लिये ...बहुत सुंदर रचना ...!!

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  8. जब सोच के ही इतना अच्छा लग रहा है , तो लिखना तो और भी खूबसूरत होगा ......... शुभकामनाएं !

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  9. सोच रहा हूँ
    कुछ लिख दूँ
    आसमां के पन्ने पर... bhaut hi khubsurat soch rahe h....likh hi daliye....

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  10. लिखिए....और कुछ ऐसा लिखिए...
    कि बादलों में भरा नीर बरस जाए...
    और जब सिमटें...तो धूप सुनहरी खिल जाए...

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  11. आसमान पर लिखा आपने अपने जुबान की बातें ..सुन्दर

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  12. अच्छा है , खूब लिखो दिल की कलम से दूसरों के दिलों पर |

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  13. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,,यशवंत जी,,,,

    RECENT POST,,,इन्तजार,,,

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  14. कुछ ऐसा
    जो उड़ कर मिट न पाए
    कुछ ऐसा जो
    हर पल नज़र आए

    बहुत सुन्दर

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  15. बहुत सुन्दर ख्याल है यशवंत जी..
    लिख दीजिये आसमान के पन्नो पर
    भर दीजिये सुनहरे रंग उसमे...
    :-) ;-) :-) :-)

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  16. लिख दूँ आसमान के पन्नो पर अपनी ख्वाइशे
    उड़ेल दूँ सारी इक्षाए...
    ताकि जब भी चले पवन अपनी तेज
    गति से..
    शायद कुछ ख्वाइशे पहुँच जाये
    उस खुदा तक...
    और पूरी हो जाये सभी कामना...
    :-) :-) :-)

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  17. bahut badhiya aur gaharai liye hue ...bahut khoob sir !!

    reh na jaye koi kona baki
    har taraf likh jau main saqi
    kuch duayein ho
    kuch khwaishein ho
    kuch armaanon ka samndar
    kuch arzoo pyari pyari !!

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  18. मन की कलम में
    बादलों की स्याही भर कर
    सोच रहा हूँ
    कुछ लिख दूँ
    आसमां के पन्ने पर

    man ki kalam, badalon ki syahi aur asman panne.... Wah ... adbhut ...! bahut hi khoobsurat kalpana....

    Manju

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  19. सुन्दर अभिव्यक्ति है ।

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  20. बहुत बढिया ।

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  21. बहुत बढ़िया ..........

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  22. बहुत अच्छा लिखा है

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  23. आसमां के पंखों पे स्वप्नों की गाथा लिख दो ...
    बहुत खूब ... उम्दा रचना ...

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