प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

03 November 2010

कैसी दीवाली मनाएंगे?


एक तरफ भूखे नंगे
जो चुन चुन अन्न खाएंगे
कूड़े के ढेरो पे बच्चे
अपना भविष्य बनाएँगे

कैसी दीवाली मनाएँगे?

फुटपाथों पे कटती रातें
सहते शीत औ गरमी को
जूठन भी मुश्किल से मिलती
तरसते तन भी ढकने को

ये कैसी समृद्धि हाय!
आज बता दो तुम लक्ष्मी माता
जन गण मन अधिनायक भारत
क्या यही विश्व में विजय पताका?

कब मुस्काएंगे  वो चेहरे
कब हिल मिल खुशी मनाएँगे
झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
नूतन गाथा गाएंगे

कैसी दीवाली मनाएंगे?

-
-यशवन्त माथुर©

15 comments:

  1. मन व्यथित कर गयी यह कविता..बहुत ही कड़वे सच को सामने लाती हुई कविता है.

    ReplyDelete
  2. हम दीपावली मनाएंगे
    जिनके घरों में
    चूल्हे भी नहीं जले
    उन्हें शर्मशार करते हुए
    घी के दीप जलाएँगे,
    ...................कैसी दीवाली मनाएंगे?

    ReplyDelete
  3. त्यौहार के मौके पर सोचने को मजबूर करती आपकी ये रचना...उस दीवाली का मुझे भी इंतज़ार रहेगा,,...आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं....

    ReplyDelete
  4. ये कैसी समृद्धि हाय!
    आज बता दो तुम लक्ष्मी माता
    जन गण मन अधिनायक भारत
    क्या यही विश्व में विजय पताका?

    sundar prastuti !

    .

    ReplyDelete
  5. दिवाली की शुभकामनाएं.... यशवंत भैया....

    ReplyDelete
  6. यही कड़वा सच है.... यशवंत.... बहुत विचारणीय पोस्ट लिखी है आपने .....दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  7. ये बात तो सौ आने सच है पर फिर भी त्यौहार मनाते चले आ रहे है हम.... हमारे यहाँ मम्मी हमेशा जब भी दीपावली का नास्ता पूरा बन जाता है सबसे पहले उसमे से कुछ मंदिर के पास जाकर बाटती है ....शायद हम सब भी कुछ अपनी खुशिया बाटकर दीपावली कि खुशिया बढा सकते है ....
    आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं....

    ReplyDelete
  8. हैप्पी दीपावली

    -------
    मेरा पोर्ट्रेट

    ReplyDelete
  9. अज का कडवा सच है लेकिन हम लोग सिर्फ अपने बारे मे ही सोचते हैं। मन दुखी हो गया। आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  10. कब मुस्काएंगे वो चेहरे
    कब हिल मिल खुशी मनाएँगे
    झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
    नूतन गाथा गाएंगे

    कैसी दीवाली मनाएंगे?
    अति सुंदर

    ReplyDelete
  11. एक तरफ भूखे नंगे
    जो चुन चुन अन्न खाएंगे
    कूड़े के ढेरो पे बच्चे
    अपना भविष्य बनाएँगे

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  12. इस ज्योति पर्व का उजास
    जगमगाता रहे आप में जीवन भर
    दीपमालिका की अनगिन पांती
    आलोकित करे पथ आपका पल पल
    मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
    सुख समृद्धि शांति उल्लास की
    आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर

    आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  13. झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
    नूतन गाथा गाएंगे
    vyathit karne wale tathya is deepawali ke prakash mein sankalp ban hriday mein samaye ki hum layenge muskaan un aankhon mein!!!
    khoob deep jale diwaron par bhi aur dil mein bhi...!

    ReplyDelete
  14. दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें. शुभकामनाओं के चलते ही हालात भी बदलने का हौसला आयेगा न? इसलिये शुभकामनायें ज़रूरी हैं.

    ReplyDelete
  15. मेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी को सादर धन्यवाद!

    ReplyDelete
+Get Now!