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26 January 2013

गणतन्त्र दिवस पर........

दीवारों के उस पार
आज तो नज़र आना ही है
सड़कों के उस पार
कदम बढ़ाना ही है

जहां बसता है 'लोक'
'तंत्र' की बाट जोहता हुआ
कूड़े के ऊंचे ढेरों में
जवानी को खोजता हुआ

बिना आँचल की छांव
सड़कों पर लोटता हुआ
रोता हुआ

या झुरमुटों की ओट में
तार तार होता हुआ

जो भी हो मजबूर 'भारत'
आज तो चमकना ही है
'इंडिया' की बोतल को पी कर
आज तो बहकना ही है 

हो भले तस्वीर बदरंग
तिरंगा लहराना ही है
गीत भले ही हों पराए
पर आज तो गाना ही है 

दीवारों के उस पार
आज तो नज़र आना ही है
चूने की सफेदी को गर्व से
राजपथ पे छाना ही है।

©यशवन्त माथुर©

9 comments:

  1. वन्देमातरम् ! गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!

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  2. शुभप्रभात बेटे जी :))
    सामयिक सार्थक प्रस्तुती (Y)
    शुभकामनायें !!

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  3. प्रभावी प्रस्तुति ||
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें-

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  4. प्रभावी प्रस्तुति. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

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  5. बहुत सुन्दर ...गड्तंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  6. लगा जैसे मेरी कविता का जवाब है ...जो भी है लाजवाब है ...गणतंत्र दिवस कि शुभकामनाएं ...:)

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  7. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    recent post: गुलामी का असर,,,

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  8. जो भी हो मजबूर 'भारत'
    आज तो चमकना ही है
    'इंडिया' की बोतल को पी कर
    आज तो बहकना ही है

    हो भले तस्वीर बदरंग
    तिरंगा लहराना ही है
    गीत भले ही हों पराए
    पर आज तो गाना ही है

    वन्देमातरम . गजब की जिजीविषा

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