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बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामंनाएँ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसत्य एक ही है समय समय पर बुद्ध पुरुष आकर इसका उद्घाटन करते आये हैं, बुद्ध पूर्णिमा पर सुंदर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(०९-०५-२०२०) को 'बेटे का दर्द' (चर्चा अंक-३६९६) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
" काश " ये सोच सभी की होती
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सोच ,सादर नमस्कार सर
काश! सब समझ सकते
ReplyDeleteमर्म एक ही सत्य का
जिसे धारण करके
धर्म पर चल पाते।
सटीक सुन्दर और सार्थक सृजन
वाह!!!
बहुत सुन्दर सृजन ।
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