प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

05 May 2020

ऐसा दौर है यह

ऐसा दौर है यह 
कि एक तरफ भूखे-नंगे 
और बेघर 
दो वक्त पेट भर 
खाने की तलाश में हैं । 
ऐसा दौर है यह 
कि दूसरी तरफ 
शराब के ठेकों पर लगी भीड़ 
रात के जामों की 
आस  में है। 
ऐसा दौर है यह 
कि और गहरी 
होती जा रही है लकीर 
अमीरी और गरीबी के बीच की।  
ऐसा दौर है यह
कि हर कोई 
कर रहा है तलाश 
जी लेने की तरकीब की। 
ऐसा दौर है यह 
कि उम्मीदी और ना-उम्मीदी 
आमने-सामने खड़े होकर 
एक दूसरे को देखते हैं 
नजरें फेरते हैं 
और पकड़ लेते हैं 
अपने-अपने हिस्से की 
स्याह-सफेद राहें । 

-यशवन्त माथुर ©
05/05/2020

2 comments:

  1. बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  2. वाह ! आज के हालात का यथार्थ वर्णन

    ReplyDelete

Popular Posts

+Get Now!