चाहत पहचाने जाने की नहीं
चाहत सिर्फ इतनी है कि
पहचानता रहूँ सबको।
-यशवन्त माथुर ©
25062020
चाहत सिर्फ इतनी है कि
पहचानता रहूँ सबको।
-यशवन्त माथुर ©
25062020
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
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