प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

01 June 2020

उस दौर में हैं हम ....

उस दौर में हैं हम
जहाँ व्यथित है 
हर कामगार
जहाँ अनिश्चित है 
जीवन और रोजगार 
थमा हुआ है व्यपार। 
सिर्फ हाहाकार ही है 
हर जगह 
जो सुनाई देता है 
सिर्फ चंद ही लोगों को 
नक्कारखाने में 
तूती की तरह। 
भविष्य और अपनी 
परिणति से अनजान 
यह दौर 
एक शुरूआत है 
अंतहीन पन्नों पर लिखे गए 
काले अध्याय की 
जिसका एक एक अक्षर 
एक एक मात्रा 
और वाक्य विन्यास 
इस कदर बिगड़ा हुआ है 
कि उसे फिर से रचने में 
लग जाएंगी 
इतनी सदियाँ 
कि तब तक शायद 
आकार ले ले 
एक नई सभ्यता। 

-यशवन्त माथुर ©
01/06/2020

No comments:

Post a Comment

+Get Now!