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09 January 2011

यादें

बहुत खामोशी से
दिल को झकझोर देती हैं यादें
जाने क्यों इतनी कठोर होती हैं यादें
मैं भूलने की कोशिश तो करता हूँ
पर कुछ भूल नहीं पाता हूँ
क्यों इतना कमजोर अक्सर
बना देती हैं यादें                                    
                                                        
कुछ खट्टी,कुछ मीठी
कुछ बोलती,कुछ शांत सी
बीते पलों को खरोंचती
क्यों कुलबुलाती हैं यादें

कभी खुशी की छटा बन कर
कभी गम की घटा बन कर
बहुत याद आती हैं यादें
अक्सर रूलाती हैं यादें.

20 comments:

  1. यशवंत भाई, बहुत अच्‍छा लगा आपकी यादों से गुजरना।

    ---------
    पति को वश में करने का उपाय।

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  2. कभी खुशी की छटा बन कर
    कभी गम की घटा बन कर
    बहुत याद आती हैं यादें
    अक्सर रूलाती हैं यादें.

    बहुत बढिया, यशवन्त जी !

    टूट जाता हर रिश्ता,यहां बिसरने के बाद है,
    एक रिश्ता जो नही टूटता कभी, वो यद है।

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  3. यही तोहैं जो साथ नहीं छोडतीं।

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  4. बीते पलों को खरोचती
    क्यों कुलबुलाती हैं यादें ..
    सच इन यादों की पूंजी सबसे बड़ी है !

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  5. एक रिश्ता जो नही टूटता कभी, वो यद है।

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  6. ऐसी ही होती हैं यादें...सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  7. कभी खुशी की छटा बन कर
    कभी गम की घटा बन कर
    बहुत याद आती हैं यादें
    अक्सर रूलाती हैं यादें.
    bahut achchhi lagi

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  8. yaade to yaade hai ....
    always with us //
    beautiful composition //
    hindi font kaam nahi kar raha yashwant ji //

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  9. कभी बहुत हंसती हैं यादे ,
    तो कभी रुला भी देती हैं यादे !
    एहसासों से असल परिचय करवा देती हैं यादे !
    बहुत सुन्दर कविता !
    बधाई दोस्त !

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  10. बीते पलों को खरोचती
    क्यों कुलबुलाती हैं यादें
    यही तो है जो कोई हमसे छीन नहीं सकता

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  11. Ye yaaden hain Yashvant ji .. aasaani se peecha nahi chodti hain ... ljawaab likha hai ...

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  12. सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ।

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  13. इन पंक्तियों को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.

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  14. बहुत सुन्दर कविता !
    बधाई....!

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  15. यशवंत रसबतिया का रसिक बनने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका स्वागत है रसभरी बातों में आपके ब्लॉग का नाम अच्छा लगा -- जो मेरा मन कहे . अपने मन की कहने का ब्लॉग से अच्छा और क्या माध्यम हो सकता है

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  16. yaade yesi hi hoti hain jo bar bar yaad aati hain
    sunder rachna...
    ....
    mere blog par
    "main"

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  17. This comment has been removed by the author.

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  18. भावुक रचना ........शुभकामनायें

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