प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

20 January 2011

मैं नेता हूँ!

है चुनती मुझे जनता कि
वो मुझे जान ती है
अपना अमूल्य विश्वास
मुझ पर वारती है
पर मैं वार करता हूँ
कुचल देता हूँ उम्मीदों को
मैं लोलुप तन मन और धन का
खरीद लेता हूँ चश्मदीदों  को
क्या बड़ा क्या छोटा
गली का छुटभैय्या ही सही
मैं भले पांचवीं फेल
जी भर निरीहों को पेरता हूँ
/
मैं नेता हूँ!

17 comments:

  1. आज के नेताओं पर बहुत सटीक टिप्पणी..बहुत प्रभावपूर्ण...

    ReplyDelete
  2. मुझ पर वारती है
    पर मैं वार करता हूँ
    ...........बहुत सटीक टिप्पणी

    ReplyDelete
  3. aaj ke neta aise hi hote hai .....bilkul sahi likha hai.......... yashwant bhai

    ReplyDelete
  4. हाँ यही तो है नेता, बहुत बढिया लगी आपकी रचना ।

    ReplyDelete
  5. आज के नेताओं का बिल्कुल सटीक आकलन .....
    बहुत अच्छा लगा ,शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  6. सही बात है ,

    मैं नेता हूँ,

    भ्रष्टाचार का वेता हूँ,

    सिर्फ अपनी नैया खेता हूँ

    कुछ न किसी को देता हूँ

    केवल जग से लेता हूँ ,

    मैं नेता हूँ

    ReplyDelete
  7. sahi kha aapne
    aaj kal ke neta yese hi h
    ...

    ReplyDelete
  8. कटु सत्य ।अच्छा व्यंग ।

    ReplyDelete
  9. हाँ भाई हाँ मै नेता हूँ !
    जनता के साथ ही तो रहता हूँ !
    अपनी अपनी ही कहता हूँ !
    जनता से प्यारी - प्यारी बातें कर ..........
    उसका तो सब कुछ हडप लेता हूँ !

    सुन्दर कटाक्ष !

    ReplyDelete
  10. खूबसूरत प्रस्तुति

    ReplyDelete
  11. वाकई आज यही हमारे नेता हैं...
    बहुत अच्छे...

    ReplyDelete
  12. इन पंक्तियों को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.

    ReplyDelete
  13. मैं भले पांचवीं फेल
    जी भर निरीहों को पेरता हूँ

    खूबसूरत रचना के साथ सटीक व्यंग....अच्छा लगा पढ़कर

    ReplyDelete
+Get Now!