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16 March 2013

क्षणिका

नकल और
अकल की कुश्ती
के साथ
परीक्षाओं के
इस तमाशे में
हार और जीत
नज़रें झुकाए
कर रही हैं याद
बीते दौर को।
 ~यशवन्त माथुर©

7 comments:

  1. नक्ल मारना तो आज लोकतांत्रिक अधिकार की तरह सुना जाने लगा है

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  2. सुन्दर क्षणिका अकल का महत्व दर्शाती

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  3. शुभप्रभात :).
    शुभकामनायें !!

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  4. सारी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर हैं

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  5. ओर ये बीता दौर हमेशा साथ रहता है ... ताज़ा ...

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