प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

09 September 2010

जय जय नेता जी की.....

ढोल बज रहे थे

नारे लग रहे थे

गले में हार डाले नेता जी

चल रहे थे!

नेता जी चल रहे थे

समर्थक नाच रहे थे

विजयी मुद्रा में

सब लोग

गद गद हो रहे थे!

हम ने पूछा तो किसी ने बताया

न पार्टी बदली थी

और न मंत्री की

कुर्सी मिली थी

कल पहली बार

'वो' उनसे हारी थी

नेता जी ने मक्खी मारी थी!!

(जो मेरे मन ने कहा...)

5 comments:

  1. क्या बात है..वैसे भी नेता जी विकास के कार्यों में कुछ नहीं करते लेकिन जहां उससे सम्बंधित धन होता है उसे अजगर की तरह निगल जाते हैं। अच्छा लिखा है। बधाई...

    ReplyDelete

Popular Posts

+Get Now!