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25 February 2013

जिंदगी

कभी हँसाती है
कभी रुलाती है जिंदगी
बेवजह कुछ ख्वाब
सजाती है जिंदगी
तिल तिल कर जीने वालों को
एक नज़र दिल से तो देखो 
फाँका मस्ती में
बेहयाई से मुस्कुराती है जिंदगी ।

©यशवन्त माथुर©

9 comments:

  1. बहुत सुन्दर ....

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  2. बहुत ही सुन्दर,आभार.इसी बात पर...
    मेरी जिंदगी मेरे पास आ जबाब मांगती है,
    गुजरे हुए पलों का वस हिसाब मांगती है.

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  3. हौसला और हिम्मत के लिये शुक्रिया जिंदगी !!
    दी लड़ने के लिये जंग ....
    दी ना होती परेशानी की ना होती तंग ....
    जम गई होती काई और लग गई होती जंक ....

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  4. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार26/2/13 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है

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  5. सूचना...
    आप की ये बेहतरीन रचना शुकरवार यानी 01-03-2013 को http://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com पर लिंक की जा रही है।
    इस हलचल में आप का स्वागत है।

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  6. फाँका मस्ती में
    बेहयाई से मुस्कुराती है जिंदगी ।

    सच कहा ...

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  7. बहुत गजब बहुत अच्छी रचना
    आज की मेरी नई रचना

    ये कैसी मोहब्बत है

    खुशबू

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  8. बेवजह कुछ ख्वाब
    सजाती है जिंदगी !!!!

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