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02 May 2020

शब्द

कुछ छूटे हुए शब्द
अधूरे से रुके हुए शब्द
जेहन में कभी आते हैं
खुद से मिट जाते हैं ।

बिल्कुल जीवन की तरह
क्षणभंगुर होते हैं शब्द
कुछ पल ठहर कर
जब जाते हैं, रुलाते हैं।

-यशवन्त माथुर ©
02/05/2020

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