थोड़ा ख्वाब
थोड़ी हकीकत
जिंदगी जो भी है
ज़िंदगी ही है!
©यशवन्त माथुर©
थोड़ी हकीकत
जिंदगी जो भी है
ज़िंदगी ही है!
©यशवन्त माथुर©
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
बढ़िया लिखा है यशवंत जी!
ReplyDeleteहां...जिंदगी ही है
ReplyDeleteमकसद से जियो तो खुबसूरत है ज़िंदगी ....
ReplyDelete:-)
badhiya...
ReplyDelete. एकदम सही ये क्या कर रहे हैं दामिनी के पिता जी ? आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
ReplyDeleteथोड़ा ख्वाब
ReplyDeleteथोड़ी हकीकत
जिंदगी जो भी है
ज़िंदगी ही है!
bahut hi sundar jindagi jindagi hi hai......
बहुत ही बढ़िया है जिन्दगी।
ReplyDeleteयशवंत भाई बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
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ख्वाब हकीकत हो जाते हैं, और हकीकत भी ख्वाब सी लगती है..जिंदगी में
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